खतौनी क्या है? खसरा तथा खतौनी में क्या अंतर है?

खतौनी (राजस्व वसूली दस्तावेज)

खतौनी क्या है? | Khatauni in Hindi

खतौनी एक राजस्व संबंधी भू अभिलेख है जिसमें किसी ग्राम में व्यक्ति विशेष द्वारा धारित सभी भूमियों की जानकारी प्राप्त होती है खतौनी जिसे राजस्व शब्दावली में बी 1 या किश्तबंदी भी कहा जाता है, खतौनी का मुख्य उपयोग राजस्व वसूली या लगान के लिए किया जाता है।

खतौनी की क्यों बनाया गया?

किसी ग्राम में निजी भूमि मालिकों की भूमिया खसरे में खसरा क्रमांकनुसार दर्ज होती है जिस कारण के किसी एक व्यक्ति द्वारा धारित समस्त भूमिया खसरे में अलग-अलग स्थान पर अंकित हो जाती हैं इससे सभी भूमियों की जानकारी एक स्थान पर उपलब्ध ना होने से होने वाली असुविधा के के निदान हेतु खतौनी(Khatauni) या बी1 की रचना की गई है। खतौनी की मदद से ग्राम स्तर पर राजस्व की वसूली में न्यूनतम त्रुटि के साथ सहायता प्राप्त होती है।

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खतौनी या बी 1 को बनाने के उद्देश्य

  1. ग्राम स्तर पर कृषकों की भूमि का भू राजस्व वसूल करना ।
  2. कृषकों द्वारा धारित समस्त भूमि को एक स्थान पर अंकन कर खाते की रचना करना।
  3. कृषकों का भूमि धारण के अनुसार वर्गीकरण करना।
  4. पटवारी या लेखपाल द्वारा कृषकों को उनकी भूमि की जानकारी कम समय में देना क्योंकि खतौनी कृषकों के हिंदी वर्णमाला के नाम अनुसार तैयार की जाती है जिससे केवल नाम पूछकर ही उसकी भूमि की जानकारी प्राप्त हो जाती है।

खतौनी का प्रारूप (khatauni Format)

खतौनी एक राजस्व वसूली अभिलेख है जिसमें कृषक द्वारा धारित सभी भूमियों की जानकारी तथा प्रत्येक भूमि का राजस्व दर्ज होता है एवं विभिन्न जानकारियों को परस्पर प्रथक करने हेतु खतौनी के प्रारूप को विभिन्न पंक्ति व स्तंभों में विभाजित किया जाता है।

इन खंडों में खाता क्रमांक जोकि कृषक द्वारा धारित समस्त भूमियों में न्यूनतम होता है तथा अंकन प्रथम स्थान पर तत्पश्चात अन्य जानकारियों जैसे खातेदार का नाम, प्रत्येक धारित भूमि का क्रमांक, उसका क्षेत्रफल उसका भू राजस्व, पूर्व का बकाया भुगतान तथा राजस्व संबंधी आदेश क्रमांक आदि का जिक्र किया जाता है।

प्रत्येक वर्ष खाते में होने वाले परिवर्तनों जैसे नवीन भूमि का अंकन अथवा पूर्व लिखित भूमि का विलोपन, धारक का नाम परिवर्तन आदि का उल्लेख भी किया जाता है।

खतौनी में कितने खाने होते हैं?

खतौनी के मूल रूप में 23 खाने(column) होते हैं परंतु व्यक्ति को इन 23 खानों की जरुरत नहीं होती है इसिलए वर्तमान समय में खतौनी के सिर्फ 8 या 12 खाने(column)  ही ज्यादा उपयोग में लाये जाते हैं।

खतौनी का मूल प्रारूप

खतौनी का मूल प्रारूप 23 खाने

           खतौनी का वर्तमान प्रारूप

खाता क्रमांकधारक(खातेदार) का नामखाते में सम्मिलित भूमियों के क्रमांकखाते में सम्मिलित भूमियों के क्षेत्रफलखाते में सम्मिलित भूमियों का देय राजस्व पूर्व बकाया भुगतान का विवरणवसूली संबंधी जानकारीवसूली संबंधी आदेश विवरण
12345678

खसरा तथा खतौनी में क्या अंतर है?

क्रमांक खसराखतौनी
1खसरा भूमि अभिलेख संबंधी दस्तावेज है।खतौनी राजस्व वसूली संबंधी दस्तावेज है
2खसरा भूमि क्रमांक भूमि स्वामी की जानकारी क्षेत्रफल फसल का विवरण आदि जानकारी प्रदान करता हैखतौनी भूमि के देय राजस्व बकाया  तथा वसूली की जानकारी प्रदान करता है।
3खसरा में भूमियों का क्रम खसरा क्रमांक अनुसार होता हैखतौनी में क्रम हिंदी वर्णमाला के अनुसार होता है
4खसरा भूमि का एक मूलभूत दस्तावेज है।खतौनी खसरे का एक विस्तारित या अनुपूरक दस्तावेज है
5खसरा भूमि अधिकार प्रमाण पत्र के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।खतौनी का प्रयोग भूमि अधिकार प्रमाण पत्र के रूप में नहीं किया जा सकता है

वर्तमान समय में खतौनी का स्वरूप

वर्तमान डिजिटल युग में खतौनी समेत सभी भूमि दस्तावेज इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है हम संबंधित भूमि अभिलेख वेबसाइट की मदद से घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। मौजूदा समय में खसरा और खतौनी को एक ही प्रारूप में सम्मिलित कर दिया गया है जो इसको और सार्थक रूप प्रदान करता है तथा कृषकों को अधिक सुविधायुक्त भू अभिलेख उपलब्ध कराता है।

खतौनी से जुड़े कुछ सवाल जवाव

खतौनी किसे कहते है?

खतौनी एक राजस्व संबंधी भू अभिलेख है जिसमें किसी ग्राम में व्यक्ति विशेष द्वारा धारित सभी भूमियों की जानकारी प्राप्त होती है खतौनी को बी1 या किश्तबंदी भी कहा जाता है।

खतौनी मतलब क्या है?

किसी ग्राम में व्यक्ति विशेष द्वारा धारित सभी भूमियों की जानकारी से है।

खतौनी में कितने खाने होते हैं?

खतौनी में 23 खाने होते हैं।

खतौनी का दूसरा नाम क्या है?

बी 1 तथा किश्तबंदी

खसरा तथा खतौनी में क्या अंतर है?

खसरा भूमि का एक मूलभूत दस्तावेज है जबकि खतौनी खसरे का एक विस्तारित या अनुपूरक दस्तावेज है।

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