बोनस शेयर(Bonus share) वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो किसी कंपनी द्वारा अपने वर्तमान शेयर होल्डर्स को प्रदान किए जाते हैं। इन बोनस शेयरओं की संख्या शेयर होल्डर के पास पहले से उपस्थित शेयर की संख्या के आधार पर होती है। यह बोनस शेयर शेयर होल्डर्स को बिना किसी अतिरिक्त राशि पर प्रदान किया जाता है।
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कंपनी द्वारा बोनस शेयर क्यों दिया जाता है?
जब किसी कंपनी के पास फंड की कमी हो जाने के कारण वह डिविडेंड देने की स्थिति में नहीं होती है तब उस समय कंपनी द्वारा अपने वर्तमान शेयर धारकों को डिविडेंड के स्थान पर बोनस शेयर प्रदान किया जाता है। कंपनी द्वारा डिविडेंड ना देने की स्थिति वर्ष की उस तिमाही में लाभ न पानें के कारण होती है। कंपनी द्वारा अपने वर्तमान शेयरधारकों को बोनस शेयर देने की प्रक्रिया को “Capitalization of profits” भी कहा जाता है।
बोनस शेयर की गणना कैसे की जाती है?
कंपनी द्वारा बोनस के रूप में दिए गए शेयर की संख्या वर्तमान शेयरधारकों की पूर्व शेयर संख्या के अनुपात में ही होती है। जैसे यदि कंपनी द्वारा घोषणा की जाती कि वह प्रत्येक 2 शेयर के स्थान पर एक बोनस शेयर प्रदान करेगी इसका अर्थ यह होता है कि यदि किसी व्यक्ति के पास 100 शेयर होते हैं तो उसे 50 शेयर बोनस रूप में प्रदान किए जाएंगे।
बोनस शेयर की घोषणा में रिकॉर्ड डेट क्या होती है?
रिकॉर्ड डेट एक कट ऑफ डेट होती है जो कंपनी द्वारा तय की जाती है। रिकॉर्ड डेट के दिन जो व्यक्ति कंपनी के शेयर धारक होते हैं उन्हें ही कंपनी द्वारा बोनस शेयर प्रदान किए जाते हैं यह डेट कंपनी द्वारा बोनस शेयर के लिए पात्र शेयरधारकों की पहचान के लिए प्रयुक्त होती है।
- निवेशकों को बोनस शेयर प्राप्त होने पर कोई भी टैक्स देने की आवश्यकता नही होती है।
- जो निवेशक अभी कंपनी में लंबे समय के लिए शेयर धारक बने रहना चाहते हैं उनके लिए लाभदायक होता है।
- बोनस शेयर निवेशकों के कंपनी पर भरोसे को बढ़ाते हैं क्योंकि कंपनी द्वारा पूंजी का प्रयोग व्यापार बढ़ोतरी के लिए किया जाता है।
- यदि किसी कंपनी द्वारा भविष्य में डिविडेंड की घोषणा की जाती है तो निवेशकों को अधिक फायदा होता है क्योंकि वो बोनस शेयर की प्राप्ति से अतिरिक्त डिविडेंड प्राप्त कर लेते हैं।
- बोनस शेयर किसी कंपनी की दीर्घ अवधि के लिए सकारात्मक संकेत प्रदान करते हैं।
- कंपनी द्वारा बोनस शेयर प्रदान करने से कंपनी का आकार बढ़ता है।
बोनस शेयर प्रदान करने से कंपनी को क्या प्रभाव पड़ता है?
- बोनस शेयर प्रदान करना कंपनी की एक पर ऐसे विद्वान कैश रिजर्व को बढ़ाने की प्रक्रिया होती है।
- बोनस शेयर प्रदान करना कंपनी की कुल संपत्ति को प्रभावित नहीं करता है।
- बोनस शेयर प्रदान करने से कम अवधि के लिए कंपनी के Earning per share EPS पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है परंतु दीर्घ काल में यह सामंजस्य स्थापित कर लेता है।
बोनस शेयर पर टैक्स की गणना कैसे होती है?
निवेशक होने के नाते हमें बोनस शेयर(Bonus share) पर टैक्स के प्रभाव को समझना आवश्यक है। आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार बोनस शेयर पर तत्कालीन वित्तीय वर्ष में कोई टैक्स नही देय होता है। परंतु उन बोनस शेयर पर कमाए गए लाभ पर टैक्स जमा करना अनिवार्य होता है।
बोनस शेयर को प्रदान करने पर कंपनी कौन सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है?
- बोनस शेयर को प्रदान करने का संकल्प (Resolution) कंपनी की वार्षिक आम बैठक (AGM) में पारित होना चाहिए।
- बोनस शेयर को प्रदान करने का निर्णय पर कंपनी के Directors तथा शेयर धारकों द्वारा सहमति होना चाहिए।
- Stock Exchange को बोनस शेयर प्रदान करने के बारे में जानकारी होना चाहिए।
- अनिवासी भारतीय निवासी को बोनस शेयर प्रदान करने के पूर्व रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सहमति लेना आवश्यक है।
- बोनस शेयर प्रदान करने के दौरान बाजार नियामक संस्था (SEBI) के बनाए नियमों का पालन करना आवश्यक है।
- यदि कंपनी द्वारा किसी वित्तीय संस्था से ऋण लिया गया है तो उक्त संस्था से भी अनुमति लेना आवश्यक है।
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बोनस शेयर से जुड़े कुछ सवाल जवाब
बोनस शेयर हैं?
बोनस शेयर वे अतिरिक्त शेयर होते हैं जो किसी कंपनी द्वारा अपने वर्तमान शेयर होल्डर्स को प्रदान किए जाते हैं।
कंपनी द्वारा बोनस देने शेयर देने को क्या कहते हैं।
कंपनी द्वारा शेयरधारकों को बोनस शेयर देने की प्रक्रिया को “Capitalization of profits” कहा जाता है।