वर्ण क्या है?
मुख से निकली ध्वनि को अक्षर कहते हैं जो कभी नष्ट नहीं होती है अक्षर का लिखित रूप ही वर्ण कहलाती है। भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण हैं। वर्ण उस मूल ध्वनि को कहते हैं जिसके खंड एवं टुकड़े नहीं किए जा सकते है ।
उदाहरण -अ आ इ क् ख्
वर्णमाला –
वर्णों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहते हैं।मूलत: बोलता हिंदी में कुल 52 वर्ण है। इसमें 13 स्वर, 33 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन 2 द्विगुण व्यंजन है संस्कृत में मूलतः 45 वर्ण ही माने गए हैं जो निम्न प्रकार है
स्वर-
अ आ इ ई ऋ ए ए ओ औ अं अ:
व्यंजन –
(1) स्पर्श व्यंजन
स्पर्श व्यंजन की संख्या 25 होती है।
- क- वर्ग – क ख ग घ ड
- च- वर्ग – च छ ज झ
- ट -वर्ग – ट ठ ड ढ ण
- त -वर्ग – प फ ब भ भ
- प-वर्ग – प फ ब भ म
(2) अंत:स्थ – य र ल व = 4
(3) उष्म – श ष स ह = 4
(4) संयुक्त – क्ष ज्ञ श्र = 4
(5) द्विगुण – ड़ ढ़ = 2
सन्युक्त व्यंजन -इन व्यंजनों की रचना दो व्यंजनों के मेल से होता है।
अयोगवाह वर्ण -अं ( ं ) और अ: (: )को अयोगवाह कहा जाता है क्योंकि ये न तो पूर्णत: स्वर हैं न ही व्यंजन। ये हमेशा स्वर के बाद और व्यंजन के पहले आते हैं। अं को आप अनुस्वार एवं अ: को विसर्ग कहते हैं।
वर्णों के भेद
वर्ण दो प्रकार के होते हैं
- स्वर वर्ण
- व्यंजन वर्ण
वर्ण जिसका उच्चारण किसी दूसरे वर्ण की सहायता के बिना होता है स्वर् कहलाता है
उदाहरण
अ आ इ ई उ ऊ ॠ ए ऐ ओ औ
स्वरों का वर्गीकरण
स्वरों के उच्चारण में कंठ एवं तालु का प्रयोग होता है इस तरह उच्चारण के आधार पर स्वर 3 प्रकार के होते हैं-
मूल स्वर एवं हास्य स्वर
- दीर्घ स्वर
- संयुक्त स्वर
- मूल स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में अन्य स्वरों की सहायता लेनी नहीं पड़ती है उसे मूल स्वर कहते हैं ।यह 4 है। उदाहरण
अ इ उ ऋ
दीर्घ स्वर
जिन स्वरों के उच्चारण में मूल स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है उसे दीर्घ स्वर कहते हैं ।
उदाहरण
- अ+अ=आ
- इ +इ =ई
- उ+ उ= ऊ
संयुक्त स्वर
दो भिन्न स्वरों के योग से इनका निर्माण होता है यह 4 हैं।
उदाहरण
- अ+ इ= ए
- अ+ ए=ऐ
- अ+उ=ओ
- अ+ ओ= औ
( 2) व्यंजन वर्ण
स्वरों की सहायता से बोले जाने वाले वर्ण व्यंजन कहलाते हैं इनकी संख्या 33 है। प्रत्येक व्यंजन में अ ध्वनि छिपी होती है।
उदाहरण
क ख ग घ ड छ आदि।
व्यंजनों का वर्गीकरण
व्यंजन वर्णो को तीन श्रेणियों में रखा गया है –
- स्पर्श
- अंतस्थ
- उष्म
स्पर्श व्यंजन-
क (क- वर्ग)से म (प-वर्ग) तक 25 व्यंजन स्पर्श है इनका उच्चारण कंठ, तालु ,मूर्धा, दंत ,ओष्ठ स्थानों के स्पर्श से होता है ।
अंत :स्थ व्यंजन-
य,र,ल तथा अंत :स्थ व्यंजन है । ये स्वर और व्यंजन के बीच स्थित है उच्चारण में हवा घूम जाती है ।
उष्म व्यंजन
श,ष,स और ह’उष्म व्यंजन है जिनका उच्चारण एक प्रकार की रगड़ से उत्पन्न होता है।
उदाहरण
- क् +अ =अ
- ख् +अ =ख
- च् +अ =च
- म् +अ =म
वर्ण क्या है?
मुख से निकली ध्वनि को अक्षर कहते हैं जो कभी नष्ट नहीं होती है अक्षर का लिखित रूप ही वर्ण कहलाती है।
स्पर्श व्यंजन की संख्या कितनी होती है?
स्पर्श व्यंजन की संख्या 25 होती है।