संज्ञा के बारे में हमने कही न कही सुना ही होगा क्योंकि हिंदी व्याकरण में हमें सबसे पहले संज्ञा के बारे में ही बताया जाता है। संज्ञा का उपयोग हम अपने जीवन में हर समय करते है आइये जानते हैं कि संज्ञा क्या हैं?
संज्ञा क्या है?
किसी ,व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति आदि के नाम को संज्ञा कहते है।
जैसे –
- राम जबलपुर जाता हैं।
- बकरी एक जानवर है।
- बुढ़ापा दुःख दायी होता है।
- सभी से प्रेम करो।
संज्ञा के भेद
संज्ञा के पांच भेद होते है –
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाव वाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- समूह वाचक संज्ञा
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व्यक्तिवाचक संज्ञा
किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु का ज्ञान कराने वाले शब्द को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – महात्मा गांधी, नरेश, चांदनी चौक, कोणार्क आदि।
व्यक्तियों के नाम | राम, मोहन, सीता, कालू, भीम आदि। |
दिशाओं के नाम | पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण |
देशों के नाम | भारत, चीन, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान आदि। |
राष्ट्रीय जातियाँ | भारतीय, चीनी, जापानी, अमेरिकी आदि। |
नदियों के नाम | गंगा, यमुना, कावेरी, घाघरा आदि। |
समुद्रों के नाम | अरब सागर, प्रशान्त महासागर आदि |
दिनों के नाम | सोमावा, मंगलवार, बुधवार आदि। |
त्योहारों के नाम | होली, दीवाली, ईद, रक्षाबंधन आदि। |
महीनों के नाम | जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल आदि। |
नगरों के नाम | मथुरा, आगरा, वाराणसी जयपुर आदि। |
जातिवाचक संज्ञा
एक प्रकार के सब प्राणियों, स्थानो या वस्तुओ का ज्ञान कराने वाले शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – आदमी,नदी, फल, पेड़, फूल, बाजार, गाय, पुस्तक आदि।
भाव वाचक संज्ञा
किसी भी व्यक्ति या वस्तु की अवस्था दशा गुण या मन के भाव विचार का ज्ञान कराने वाले शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – बचपन, प्यार दुख सुख डर मिठास आदि।
भाववाचक संज्ञा में जिन चीजों का ज्ञान कराती है उन्हें महसूस कर सकते हैं लेकिन देखे छू नहीं सकते क्योंकि उनका कोई भौतिक रूप नहीं होता।
भाववाचक संज्ञा का निर्माण
- जाति वाचक संज्ञा से – मनुष्य-मुनष्यता, बच्चा-बचपन, शत्रु-शत्रुता, भारत-भारतीय।
- विशेषण से – नम्र नम्रता, कोमल कोमलता, मीठा-मिठाई, बुरा-बुराई ।
- क्रिया से पढ़ना – पढ़ाई, लिखना-लिखावट, घबराना-घबराहट, मिलना-मिलाप।
- सर्वनाम से – अपना-अपनत्व, मम ममत्व।
द्रव्यवाचक संज्ञा
किसी तरल या ठोस पदार्थ का ज्ञान कराने वाले शब्दों को द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। द्रव्यवाचक संज्ञा से नाप तौल वाली वस्तुओं का बोध होता है।
जैसे – तेल, पानी, घी, पत्थर हीरा आदि।
समूह वाचक संज्ञा
प्राणियों वस्तुओं के समूह का ज्ञान कराने वाले शब्दों को समूह वाचक संज्ञा कहते हैं। इसे समुदाय वाचक संज्ञा भी कहते हैं।
जैसे -गुच्छा, भीड़, कक्षा, टोली, मेला, सेना आदि।
संज्ञा से जुड़े कुछ सवाल जवाब
संज्ञा किसे कहते हैं?
किसी भी जाती भाव समूह या धातु आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
संज्ञा के पाँच भेद होते हैं।