रेरा एक्ट के आने से पहले हम लोगों ने अक्सर बिल्डर और खरीददार के बीच हुए धोखे घड़ी को सुना होगा इस धोखाधड़ी में या तो बिल्डर उपभोक्ता को धोखा देता है या तो उपभोक्ता या खरीददार बिल्डर हो पैसे देने में धोखाधड़ी करता है इस तरह की धोखाधड़ी आए दिन होती रहती है इस धोखाधड़ी को ध्यान में रखते हुए सरकार में रेरा रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट बनाया है आइए जानते हैं रेरा क्या है?
रेरा क्या है?
रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट) भारत की संसद द्वारा बनाया गया कानून है जो अचल संपत्तियों के हितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। रेरा के द्वारा अचल संपत्तियों में निवेश को नियमित किया गया है यह मुख्य रूप से बिल्डरों तथा संपत्ति खरीददारों के अधिकारों के बारे में बताता है तथा उनके मध्य विवाद का निपटारा भी करता है।
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रेरा कानून कब लागू किया गया?
रेरा कानून मार्च 2016 में भारत की संसद द्वारा पारित किया गया। जिसके बाद राज्य व केंद्र स्तर पर इस प्राधिकरण को 6 माह के भीतर स्थापित किया गया वर्तमान में यह भारत के अधिकांश राज्यों में लागू कर दिया गया है।
रेरा कानून बनाने की क्या उद्देश्य है?
- आवासीय तथा व्यवसायिक प्लॉट घर फ्लैट खरीदारों के प्रति बिल्डरों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करना।
- अचल संपत्ति की खरीदारी में पारदर्शिता लाना।
- बिल्डरों और खरीदारों के मध्य धोखाधड़ी को रोकना।
- अचल संपत्ति खरीदी के विवादों का जल्दी निपटारा करना।
- लोगों में अचल संपत्ति खरीददारी के लिए विश्वास पैदा करना।
रेरा कानून हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है?
अक्सर हमने सुना होगा या अखबारों में पढ़ा होगा कि बिल्डर ने घर बनाने का वादा करके सालों बाद भी घर बनाकर नहीं दिया या घर खरीदने का एग्रीमेंट करने के बाद रजिस्ट्री नहीं कराई इत्यादि।
अचल संपत्ति के लेनदेन के दौरान वर्षों से हम ऐसी धोखाधड़ी की शिकायतें देखते आ रहे हैं, इसके साथ ही बिल्डरों द्वारा जमीन संबंधी बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां भी खरीदारों से छुपाई जाती हैं अथवा झूठ बोलकर फ्लैट इत्यादि बेचे जाते हैं। इन सभी धोखाधड़ी की रोकथाम व खरीदारों के हितों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार द्वारा रेरा कानून लागू किया गया।
इसके द्वारा अचल संपत्ति में अधिक सुविधाजनक तथा बिना झंझट के निवेश किया जाना संभव हुआ है। यदि बिल्डर द्वारा अचल संपत्ति की खरीदी के दौरान किसी प्रकार की कोई भी धोखाधड़ी की जाती है तो संबंधित रेरा प्राधिकरण द्वारा त्वरित सुनवाई कर खरीददार के हितों की सुरक्षा की जाती है इस हेतु प्रत्येक राज्य में रेरा प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
रेरा पोर्टल क्या है तथा इससे हमें कौन-कौन सी जानकारियां प्राप्त होती हैं?
रेरा अधिनियम भारत की संसद से लागू होने के बाद राज्य स्तर पर रेरा प्राधिकरण की स्थापना की गई साथ ही साथ जानकारी को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए रेरा पोर्टल बनाया गया। इस पोर्टल के द्वारा विकसित कॉलोनियों के विक्रय पूर्व बिल्डरों को अपनी जानकारियों को संबंधित राज्य के रेरा प्राधिकरण को देना होता था जिसकी समस्त जानकारियां रेरा पोर्टल पर प्रदर्शित कर दी जाती हैं।
इस पोर्टल के माध्यम से हम बिल्डर द्वारा विक्रय की जानें वाली अचल संपत्ति आवासीय या व्यवसायिक प्लॉट फ्लैट स्वतंत्र मकान आदि की पूर्ण जानकारी जैसे टीएनसीपी, नक्शा, डायवर्शन, खसरा स्वीकृत प्लान बंधक प्लाटों का विवरण बिल्डर का कॉलोनाइजर लाइसेंस आदि एक साथ देख सकते हैं। बिना रेरा की अनुमति के कोई भी बिल्डर विकसित अचल संपत्ति को विक्रय नहीं कर सकता है अतः हमें उन अचल संपत्तियों में निवेश नहीं करना चाहिए जो उस राज्य के रेरा पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है।
रेरा पोर्टल पर हम जानकारी कैसे देख सकते हैं?
प्रत्येक राज्य के लिए संबंधित रेरा विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया गया है यहां पर हम मध्य प्रदेश राज्य के रेरा पोर्टल को समझते हैं मध्य प्रदेश राज्य का रेरा पोर्टल www.rera.mp.gov.in है इसमें हम पंजीकृत परियोजनाओं पर क्लिक करके जिला को सिलेक्ट करके अपने क्षेत्र की रेरा पंजीकृत परियोजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
रेरा से जुड़े कुछ सवाल जवाब
रेरा क्या होता है?
रेरा भारत की संसद द्वारा बनाया गया कानून है जो अचल संपत्तियों के हितों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। यह मुख्य रूप से बिल्डरों तथा संपत्ति खरीददारों के अधिकारों के बारे में बताता है तथा उनके मध्य विवाद का निपटारा भी करता है।
रेरा का पूरा नाम(Full Form) क्या है?
रियल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट (Real Estate Regulation Act)
रेरा का गठन कब हुआ?
रेरा का गठन 01 May 2016 को हुआ था।